🕉️ श्लोक:
जटा टवी गलज्जल प्रवाह पवितस्थले
गलेवलंब्य लंबितन भुजंग तुंग मालिकाम्।
डम्डम्डमड्मनिनाद वद्दमरवयान
चकार चंद्तांडवन तनोतु नः शिवः शिवम्। 🙏
अर्थ:
भगवान शिव की जटाओं से बहने वाली पवित्र गंगा की धारा उनके गले को स्पर्श कर रही है, और उनके गले में विशाल नागों की माला लटकी हुई है। उनके डमरू की गूंज से संपूर्ण ब्रह्मांड गुंजायमान हो रहा है। ऐसे भगवान शिव हमें मंगल प्रदान करें।
🌊 श्लोक:
जटा कटा हसंभ्रम् भ्रमन्निलिंप्
निर्झरी भिलो लवी चिव्ललरी विराजमान मुर्धनी
धगधगधगज्वलललालात पट्ट पावके
किशोर चंद्र शिखरे रतिह प्रतिक्षण्मम्। 🌙
अर्थ:
शिव की जटाओं में बहती पवित्र गंगा की धाराएँ उन्हें अत्यधिक शोभायमान बनाती हैं। उनके ललाट पर अग्नि की ज्वाला प्रज्वलित हो रही है, और उनके मस्तक पर बाल चंद्र सुशोभित है। ऐसे भगवान शिव की कृपा हमें प्राप्त हो।
🕉️ श्लोक:
धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुं
बंधुरस फुर्द दिगंत संतति प्रमोद मानमनसे
कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धर पदी
क्वचिद् दिगंबरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि। 🌟
अर्थ:
शिव, जो धरती के राजा हिमालय की पुत्री पार्वती के प्रियतम हैं, अपनी करुणा से संसार के कष्टों को दूर करते हैं। वे दिगंबर (वस्त्रहीन) रूप में संपूर्ण ब्रह्मांड को आनंदित करने वाले हैं। ऐसे भगवान शिव हमें आनंद प्रदान करें।
🐍 श्लोक:
लता भुजंग पिंगलस फुरत्पना मणिप्रभा
कदम्ब कुङ्कुमद्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे।
मदान्ध सिंधुरस्फुरत्वगुत्तरीयमे
दुरे मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि।। 🔥
अर्थ:
शिव के शरीर पर सजीव नाग लटक रहे हैं, उनकी देह चंदन और कुंकुम से सुशोभित है। वे हाथी के चर्म को वस्त्र के रूप में धारण किए हुए हैं। ऐसे अद्भुत शिव हमें आनंद प्रदान करें।
💥 श्लोक:
सहस्र लोचन प्रभृत्यशेष लेखशेखर
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः।
भुजंगराजमालया निबद्ध जाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोरबंधुशेखरः।। 🌙
अर्थ:
इंद्र और अन्य देवता भगवान शिव की स्तुति करते हुए उन पर पुष्प वर्षा करते हैं। वे नागों की माला और गंगा के जल से युक्त अपनी जटाओं से सुशोभित हैं। ऐसे भगवान शिव हमारे जीवन में समृद्धि और शांति लाएँ।
🔥 श्लोक:
ललाट चत्वर ज्वलद्धनंजयस्फुलिङ्गभा
निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिंपनायकम्।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदे शिरोजटालमस्तु नः।। 🕉️
अर्थ:
शिव के ललाट में अग्नि की ज्वाला प्रज्वलित हो रही है, जिससे कामदेव भस्म हो गए थे। उनके सिर पर अमृत तुल्य चंद्र सुशोभित है। ऐसे महाकाल हमें समृद्ध करें।
🙏 श्लोक:
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम।। 🌿
अर्थ:
भगवान शिव के भाल पर भयंकर अग्नि जल रही है, जिससे कामदेव भस्म हो गए। वे स्वयं त्रिनेत्रधारी हैं और अद्वितीय कलाकार की तरह सृष्टि को रचने वाले हैं। हम उन्हें नमन करते हैं।
⚡ श्लोक:
नवीनमेघ मण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः।
निलिम्पनिर्झरीनिकुज्चतोग्रशङ्कया
शिवेतु वामलोकनं ललाटपट्टपावके।। 🕉️
अर्थ:
शिव के विशाल स्वरूप के कारण आकाश में मेघों का घनघोर अंधकार छा गया है। उनकी जटाओं में गंगा की धाराएँ प्रवाहित हो रही हैं, और उनके ललाट पर अग्नि की ज्वाला जल रही है। ऐसे भगवान शिव हमें आशीर्वाद दें।
🌍 श्लोक:
प्रफुल्ल नीलपङ्कजप्रपञ्चकल्पमश्रियं
भुजङ्गमस्य मालयाऽनुरक्त दिव्यशेखरम्।
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः
शिवं शिवेति मन्यते नवीनमेघ मण्डलः।। 🌊
अर्थ:
भगवान शिव का स्वरूप नीलकमल के समान सुंदर है, उनके गले में नागों की माला विराजमान है। देवगण उनकी स्तुति कर रहे हैं, और वे स्वयं अनंत आनंद के स्रोत हैं। ऐसे भगवान शिव हमें कृपा प्रदान करें।
🌟 तांडव की दिव्य शक्ति
यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और जीवन में संतुलन व शक्ति की प्राप्ति के लिए इसे पढ़ा जाता है।
आइए, हम सभी मिलकर भगवान शिव का ध्यान करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। 🙏